Bangladesh Protest Reason : शेख हसीना के इस्तीफा देने की यह है असली वजह… अभी देखे
What Happened in Bangladesh: बांग्लादेश “प्रधान मंत्री हसीना शेख” ने प्रधान मंत्री के पद सेअपनाइस्तीफा दे दिया और इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश छोड़ दिया है। ऐसा सुनने में आ रहा है कि Sheikh Hasina अब फ़िनलैंड जा सकती है। Bangladesh Protest Reason In Hindi
Bangladesh News In Hindi
बांग्लादेश में हालात काफी खराब होते नज़र आ रहे है क्यूंकि लम्बे समय तक बांग्लादेश के कमान सँभालने वाली शेख हसीना, बिगड़े हालातों के बीच देश छोड़ कर अपनी बहन के साथ किसी सुरक्षित जगह पर रवाना हो चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि Sheikh Hasina अब भारत के रास्ते यूरोप के किसी देश में जाकर रहने वाली है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हुआ जो बांग्लादेश के प्रधान मंत्री को इस्तीफा तक देने की नौबत आ पड़ी आइये देखते है।
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बांग्लादेश में क्यों हो रहे है प्रदर्शन (What Happened in Bangladesh)
Sheikh Hasina को Bangladesh Protest यानी कि बांग्लादेश में काफी बड़े सत्तर पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते इस्तीफा देना पड़ा। क्यूंकि 5 अगस्त, 2024 (सोमवार) को प्रदर्शनकारी ढाका में स्थित प्रधानमंत्री आवास में घुस आये।
बांग्लादेश में प्रदर्शन का कारण (Bangladesh Protest Reason)
Sheikh Hasina News – बांग्लादेश में विवादित कोटा सिस्टम केखिलाफ प्रदर्शन चल रहा था और इस सिस्टम के तहत सन 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ी गयी लड़ाई (संग्राम) में हिस्सा लेने वालो के रिश्तेदारों को 30% सरकारी नौकरियां दी जाती थी। अब प्रदर्शन करियों की कहना है कि इस सिस्टम के तहत Sheikh Hasina और उनकी पार्टी अपने वफादारों को ज़्यादा फायदा पहुँचाती है।
बांग्लादेश में कैसे सुरु हुआ बवाल ?
बांग्लदेश में प्रदर्शन पिछले महीने से ही शुरू हो चुके थे और तब से लेकर अभी तक इस बवाल में करीबन 300 लोगो की जान जा चुकी है और सुरु में यह प्रोटेस्ट सिविल सेवा में कोटे के खिलाफ हुआ लेकिन बाद में सरकार विरोधी रूप ले लिया। प्रदर्शन कारी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बांग्लादेश में 15 जुलाई को झड़प सुरु हो चुकी थी जिसके बाद सभी स्कूल, कॉलेज अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए गए। अगले दिन भी काफी भयंकर झडपे हुई और शेख हसीना ने जनता को सम्बोधित किया और हत्याओं की न्यायिक जांच की घोषणा भी की। लेकिन इसके बावजूद भी हिंसा कम नहीं हुई। इसके बाद सरकार ने 20 जुलाई को राष्ट्रव्यापी कर्फूय लागू कर दिया और सेना को तैनात कर दिया गया।
23 जुलाई को सरकार की तरफ से नोटिस जारी किया गया कि कोटा सिस्टम में बदलाव किये जायगे लेकिन जनता इसपर राजी नहीं हुई। जिसके बाद सरकार ने रेड तेज कर गिरफ्तारी सुरु कर दी।
इस दौरान UAN की तरफ से बांग्लादेश सरकार से कहा कि वह प्रदर्शनकारियों पर अत्याचार न करे और इंटरनेट सेवाओं को बहाल करे।
29 जुलाई के बाद से प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध ओर तेज़ कर दिया।
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