Hookah Ban: हरियाणा सरकार ने हुक्के पर लगायी रोक, नियम ना मानने वालो पर सख्त कार्यवाही
![hookah ban](https://i0.wp.com/hindustaniakhbar.com/wp-content/uploads/2023/10/hooka-ban.jpg?fit=640%2C365&ssl=1)
Hookah Ban: जड़ी बूटियों के आड़ में क्लब और रेटरॉन्ट में पिलाये जाने वाला हुक्का पर अब रोक लगेगी। आपको बता दे कि हरियाणा गृह विभाग, ने “फ्लेवर्ड हुक्का” को हानिकारक बताया है और कड़े आदेशों के साथ उपायुक्तों और पुलिस आयुक्तों को तत्काल कार्यवाही करने का निर्देश भी दिया है। इसलिए अब हरियाणा में Hookah Ban हो गया है।
हरियाणा में Hookah Ban
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दो हफ्ते पहले एक सावर्जनिक बैठक में, व्यवसायिक हुक्के पर रोक लगाने की घोसना कर दी है। इसके साथ गृह विभाग ने हुक्का बार पर भी रोक, के लिए निर्देश जारी कर दिए है। रेस्तरां, बार, नाईट क्लब्स और होटल्स में Flavour Hookah Ban, किसी भी जगह अब फ्लेवर हुक्का इस्तेमाल नहीं किया जायगा।
हुक्के का शरीर पर प्रभाव
स्वाद वाले हुक्का में निकोटिन नहीं हो सकता, लेकिन इनके धुंए में पॉलीसायक्लीक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन (पी ए एच्), कार्बन मोनोऑक्सइड (सीओ ), वाष्पशील और भारी धातुएं एल्डिहाइड होते है। इंसान के दिल पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे फेफड़ो की बीमारी बढ़ जाती है और गंभीर बिमारियों का कारण बनता है। जिसके वजह से इन फ्लेवर्ड हुक्के पर रोक लगनी जरुरी है। जो रेस्तरां, क्लब या होटल फ्लेवर्ड हुक्का और तम्बाकू परोसता है अब उसके खिलाफ तत्काल कड़ी कारवाही की जायगी।
यह भी पढ़े : बासी रोटी खाने के इतने सारे फायदे, जानकर आप भी रोज खाने लगेंगे
हुक्का BAN करने का कारण
गृह सचिव TVSSN प्रसाद ने जानकारी दी कि हरियाणा में बहुत से जिलों में फ्लेवर्ड हुक्का और इससे सम्बंधित फ्लेवर्ड तम्बाकू बेचे जा रहे है और इन तम्बाकू में कुछ नशीली दवाइयों की मिलावट की जा रही है। स्वाद के लिए इसमें तरह तरह की जड़ी बूटियां मिलायी जा रही है और यह युवा को आकर्षित करता है व युवा इसे खुश होकर भी पीते है। यही बाद में आदत में तबदील हो जाता है और आदत बन जाता है Hookah Ban.
Desi Hooka
क्लब और रेटरॉन्ट में पिलाये जाने वाला फ्लेवर हुक्का और देसी हुक्के में काफी अंतर होता है क्यूंकि देशी हुक्के के मुकाबले फ्लेवर हुक्के में ज़्यादा नुकसानदायक तम्बाकू का इस्तेमाल होता है। हालाँकि तम्बाकू का इस्तेमाल कैसे भी हो, शरीर के लिए तो यह नुकसानदायक ही है। इसी के साथ पारम्परिक हुक्के पर कोई रोक नहीं है।